खरमास खत्म होता है पहले माघ मास
में।
होते हर शुभ कार्य शुरू फिर, माघ
मास में।
मिश्रित कर के प्रतिदिन गंगाजल, स्नान
करें,
पूजन करें लक्ष्मी विष्णु का, माघ
मास में ।
परंपरा, है कल्पवास की, माह पर्यन्त,
पढ़ें ग्रंथ गीतादि नित्य ही, माघ मास
में।
सूर्यप्रवेश मकर राशि में, सरदी
बढ़ाता,
चरम पर होती है ऋतु शरद , माघ मास
में ।
फलदायी है माघमास में दानपुण्य हो,
आते हैं नवान्न घर-घर में, माघ मास
में।
यूँ तो हरिक दिन पर्व मनाता अपना
देश
पर्व बसंत लुभाता सबको माघ मास में ।।
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